निसर्ग जतन करणाऱ्या आंतरराष्ट्रीय संघटनेच्या जागतिक समितीने २००८ मध्ये ठरविलेल्या व्याख्येनुसार संरक्षित जागा म्हणजे “एक स्पष्टपणे निर्देशित केलेला भूभाग, ज्यास शासनाने मान्यता दिलेली आहे आणि ज्याचे व्यवस्थापन स्थानिक किंवा इतर आस्थापने पाहतात,तसेच जी निसर्ग-संरक्षण-संवर्धन,परिसंस्थेशी व सांस्कृतिक बाबींशी निगडित असते.”भारत जगातील जैवविविधतेच्या १७ प्रमुख देशांपैकी एक आहे.जगाच्या २.४% भूभाग भारताचा असून जगातील ७.८% प्रजाती येथे सापडतात. त्यामध्ये ४६ हजार वनस्पती व ९१ हजार प्राण्यांचा समावेश होतो. वन्य प्राणी आणि वनस्पतींचे जतन करणे हा भारताच्या इतिहासाचा एक अविभाज्य भाग आहे.सर्वसाधारणपणे संरक्षित भूभागाचे चार प्रकार असतात.राष्ट्रीय उद्याने,अभयारण्ये,निसर्गसंवर्धनासाठी राखीव जागा व एखाद्या समाजासाठी किंवा गावासाठी राखीव जागा (ग्रामपंचायत, वगैरे).
कोष्टक १. भारतातील संरक्षित जागा (जुलै २०१७ प्रमाणे) :
संरक्षित जागांचे प्रकार | संख्या | क्षेत्रफळ(चौ. किमी.) | भारतातील भूभाग (%) |
राष्ट्रीय उद्याने | १०३ | ४,०५,००.१३ | १.२३ |
अभयारण्ये | ५४३ | १,१८,९१७.७१ | ३.६२ |
निसर्ग संवर्धनासाठी राखीव जागा | ७३ | २,५४७.१९ | ०.०८ |
समाजासाठी राखीव जागा | ४५ | ५९.६६ | ०.००२ |
एकूण संरक्षित जागा | ७६४ | १,६२,०२४.६९ | ४.९३ |
प्राण्यांच्या संरक्षण-संवर्धनासाठी राष्ट्रीय उद्याने राखीव ठेवतात. तेथे झाडे तोडण्यास, लाकूडफाटा व इतर वस्तू गोळा करण्यास,खाजगी मालमत्ता प्रस्थापित करण्यास,कोणत्याही प्रकारचा मानवी हस्तक्षेप करण्यास मनाई असते.अभयारण्य हा प्राण्यांच्या संरक्षणासाठी राखीव भूभाग असला तरी तेथे लाकडे तोडणे, जंगलातील उपयुक्त वस्तू गोळा करणे,खाजगी मालमत्ता बाळगणे अशा प्राण्यांच्या हिताच्या आड न येणाऱ्या मानवी कृती केलेल्या चालतात.
कोष्टक २. देशातील राज्यनिहाय संरक्षित नैसर्गिक प्रदेशांची यादी – (जुलै २०१७ प्रमाणे) :
राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश | राष्ट्रीय उद्याने | अभयारण्ये | निसर्गसंवर्धनासाठी राखीव जागा | समाजासाठी राखीव जागा | |
आंध्र प्रदेश | २ | १३ | ० | ० | |
अरुणाचल प्रदेश | २ | ११ | ० | ० | |
आसाम | ५ | १८ | ० | ० | |
बिहार | १ | १२ | ० | ० | |
छत्तीसगढ | ३ | ११ | ० | ० | |
गोवा | १ | ६ | ० | ० | |
गुजरात | ४ | २३ | १ | ० | |
हरयाणा | २ | ८ | २ | ० | |
हिमाचल प्रदेश | ५ | २८ | ३ | ० | |
जम्मू व काश्मीर | ४ | १५ | ३४ | ० | |
झारखंड | १ | ११ | ० | ० | |
कर्नाटक | ५ | ३० | १४ | १ | |
केरळ | ६ | १७ | ० | १ | |
मध्य प्रदेश | ९ | २५ | ० | ० | |
महाराष्ट्र | ६ | ४२ | २ | ० | |
मणिपूर | १ | २ | ० | ० | |
मेघालय | २ | ४ | ० | ४१ | |
मिझोराम | २ | ८ | ० | ० | |
नागालँड | १ | ३ | ० | ० | |
ओडिशा | २ | १९ | ० | ० | |
पंजाब | ० | १३ | १ | २ | |
राजस्थान | ५ | २५ | १० | ० | |
सिक्कीम | १ | ७ | ० | ० | |
तमिळनाडू | ५ | २९ | २ | ० | |
तेलंगण | ५ | ९ | ० | ० | |
त्रिपुरा | २ | ४ | ० | ० | |
उत्तर प्रदेश | १ | २५ | ० | ० | |
उत्तरांचल | ६ | ७ | ४ | ० | |
पश्चिम बंगाल | ६ | १५ | ० | ० | |
अंदमान व निकोबार | ९ | ९६ | ० | ० | |
चंडीगढ | ० | २ | ० | ० | |
दाद्रा व नगरहवेली | ० | १ | ० | ० | |
लक्षद्वीप | ० | १ | ० | ० | |
दमण व दीव | ० | १ | ० | ० | |
दिल्ली | ० | १ | ० | ० | |
पॉण्डिचेरी | ० | १ | ० | ० | |
एकूण | १०४ | ५४३ | ७३ | ४५ |
समुद्र किंवा जमिनीवरील काही भाग तेथील निसर्ग, पशुपक्षी व त्यांची निवासस्थाने आणि वनस्पती जतन करण्यासाठी राखीव ठेवतात. या भागातील लोकवस्तीच्या मानवी हक्कांचे रक्षण केले जाते. एखाद्या ठिकाणच्या पशुपक्षी, वनस्पती,समाजाची सांस्कृतिक व पारंपारिक मूल्ये व रितींचे जतन करण्यासाठी काही जागा राखीव ठेवल्या जातात. उदा., देवराई. येथील लोकांचे हक्क व मूल्ये अबाधित असतात.
भाषांतरकार – शारदा वैद्य
समीक्षक – बाळ फोंडके